दीया और अंधेरा
ना कोई सूरज हूं
ना कोई चंदा हूं!
ना कोई जुगनू हूं
ना कोई तारा हूं!!
फिर भी इस अंधेरे
से भरसक लड़ूंगा!
मैं तो मिट्टी का एक
छोटा-सा दीया हूं!!
ना कोई सूरज हूं
ना कोई चंदा हूं!
ना कोई जुगनू हूं
ना कोई तारा हूं!!
फिर भी इस अंधेरे
से भरसक लड़ूंगा!
मैं तो मिट्टी का एक
छोटा-सा दीया हूं!!