दीप बनकर जल उठें
दीप बनकर जल उठें,
फूल बनकर के खिलें
प्रेम के आलोक से,
विश्व को सुरभित करें
प्रेम सत्य है शाश्वत यारों,
जिंदगी एक सराय खाना है,
है पड़ाव मंजिल का,
हंसते गाते गुजर जाना है
दीप बनकर जल उठें,
फूल बनकर के खिलें
प्रेम के आलोक से,
विश्व को सुरभित करें
प्रेम सत्य है शाश्वत यारों,
जिंदगी एक सराय खाना है,
है पड़ाव मंजिल का,
हंसते गाते गुजर जाना है