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24 Aug 2024 · 1 min read

दीप तुम हो तो मैं भी बाती हूं।

मुक्तक

रोशनी मुझ से है बताती हूॅं।
तेल से खुद को मैं जलाती हूॅं।
तुम से कमतर नहीं वजूद मेरा,
दीप तुम हो तो मैं भी बाती हूं।

……..✍️ सत्य कुमार प्रेमी

Language: Hindi
54 Views
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