दीप ज्योति जलती है जग उजियारा करती है
दीप ज्योति जलती है जग उजियारा करती है
मंद मंद मुस्का कर खुशियां जग में फैलाती है,
आओ दीप पंक्ति बना
जग में उजियारा फेलाते है,
आओ कमज़ोर के घर
दीपप्रज्वलित कर खुशियों की दिवाली मनाते हैं…
दीप ज्योति जलती है जग उजियारा करती है
मंद मंद मुस्का कर खुशियां जग में फैलाती है,
आओ दीप पंक्ति बना
जग में उजियारा फेलाते है,
आओ कमज़ोर के घर
दीपप्रज्वलित कर खुशियों की दिवाली मनाते हैं…