“दीप जलाओ मन से मन का”
दीप जलाओ, दीप जलाओ,
मन से मन का दीप जलाओ।
खुशी के दीप,
प्रेम के दीप जलाओ,
अंतस्थल में।
स्नेह की घी,
स्नेह सिक्त बाती,
ज्योतिर्मय,
दूर भागे,
नफरत का तम,
जन-जन के आत्मा के,
चिर दीप्ति वर्तिका उसकाओ,
मुस्कान के लौ उगाओ,
दीप जलाओ, दीप जलाओ,
मन से मन का दीप जलाओ।
सूर्य प्रकाश उपाध्याय
पटना(बिहार)