Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Oct 2019 · 1 min read

“दीप की अभिलाषा”

चाह नहीं, ऊँचे भवनों पर सज जाऊँ,
ड्योढ़ी पर जल,या,अमीर की इतराऊँ।
कर शोभित या,अट्टहास करते महलों को,
दम्भ, द्वेष को, महिमामंडित कर जाऊँ।।

चाह नहीं, मैं झुन्ड मात्र बनके रहकर,
कर आमोद-प्रमोद, सदा को बुझ जाऊँ।
‘जीवन हुआ निरर्थक’, पश्चातापोँ मेँ, या,
बुझने से पहले ही, जल-जल मर जाऊँ।।

मन की है यह चाह, किसी कुटिया में जाऊँ,
मिटे रात्रि-मालिन्य, सवेरा कर जाऊँ।
निर्जन पथ पर दिखे, अँधेरा घना कहीं,
जलकर सारी रात, तिमिर मैँ हर जाऊँ।।

ईश द्वार दिख जाए कहीं, भूले भटके,
हृद-इच्छा है मेरी, वहीँ पर रह जाऊँ।
प्रेम-आस्था के सँगम की, राह दिखा,
जलकर भी, जीवन कृतार्थ मैं कर जाऊँ।।

दिखे कहीं अज्ञान, तोड़कर सब बाधाएँ,
पहुंचूं मैं उस द्वार, ज्ञान-दीपक कहलाऊँ।
जहाँ कहीं नैराश्य, दृष्टिगत हो जाए,
बनकर “आशा”-दीप, वहीं रच-बस जाऊँ..!

रचयिता-
Dr.Asha Kumar Rastogi
M.D.(Medicine),DTCD
Ex.Senior Consultant Physician,district hospital, Moradabad.
Presently working as Consultant Physician and Cardiologist,sri Dwarika hospital,near sbi Muhamdi,dist Lakhimpur kheri U.P. 262804 M.9415559964

Language: Hindi
14 Likes · 11 Comments · 1296 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
View all
You may also like:
वो जुगनुओं से भी गुलज़ार हुआ करते हैं ।
वो जुगनुओं से भी गुलज़ार हुआ करते हैं ।
Phool gufran
" जुल्म "
Dr. Kishan tandon kranti
*मैं और मेरी तन्हाई*
*मैं और मेरी तन्हाई*
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
डर किस बात का
डर किस बात का
Surinder blackpen
मैं भागीरथ हो जाऊ ,
मैं भागीरथ हो जाऊ ,
Kailash singh
3367.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3367.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
जिंदगी तेरे कितने रंग, मैं समझ न पाया
जिंदगी तेरे कितने रंग, मैं समझ न पाया
पूर्वार्थ
मुहब्बत तो दिल की सियासत पर होती है,
मुहब्बत तो दिल की सियासत पर होती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तुझे देखा , तुझे चाहा , तु ही तो साथ हरदम है ,
तुझे देखा , तुझे चाहा , तु ही तो साथ हरदम है ,
Neelofar Khan
गाल बजाना ठीक नही है
गाल बजाना ठीक नही है
Vijay kumar Pandey
मैं तुम्हें लिखता रहूंगा
मैं तुम्हें लिखता रहूंगा
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
"सतगुरु देव जी से प्रार्थना"......💐
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
न रंग  था न  रूप  था  खरीददार  थे मिले।
न रंग था न रूप था खरीददार थे मिले।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
कुछ फूल खुशबू नहीं देते
कुछ फूल खुशबू नहीं देते
Chitra Bisht
सकुनी ने ताउम्र, छल , कपट और षड़यंत्र रचा
सकुनी ने ताउम्र, छल , कपट और षड़यंत्र रचा
Sonam Puneet Dubey
..
..
*प्रणय*
The Kiss 👄
The Kiss 👄
Otteri Selvakumar
*प्रभो हमें दो वह साहस हम, विजय दुष्ट पर पाऍं (गीत)*
*प्रभो हमें दो वह साहस हम, विजय दुष्ट पर पाऍं (गीत)*
Ravi Prakash
[ ख़ुद पर तुम विश्वास रखो ]
[ ख़ुद पर तुम विश्वास रखो ]
नयनतारा
मां🙇🥺❤️
मां🙇🥺❤️
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
इंसान बहुत सोच समझकर मुक़ाबला करता है!
इंसान बहुत सोच समझकर मुक़ाबला करता है!
Ajit Kumar "Karn"
दिल में हिन्दुस्तान रखना आता है
दिल में हिन्दुस्तान रखना आता है
नूरफातिमा खातून नूरी
गुमशुदा लोग
गुमशुदा लोग
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
अरे धर्म पर हंसने वालों
अरे धर्म पर हंसने वालों
Anamika Tiwari 'annpurna '
पिता
पिता
Shweta Soni
बोट डालणा फरज निभाणा -अरविंद भारद्वाज
बोट डालणा फरज निभाणा -अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
"काम करने का इरादा नेक हो तो भाषा शैली भले ही आकर्षक न हो को
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
इंतजार युग बीत रहा
इंतजार युग बीत रहा
Sandeep Pande
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कहो कैसे वहाँ हो तुम
कहो कैसे वहाँ हो तुम
gurudeenverma198
Loading...