दीपोत्सव
दूर करो अंतस का तिमिर,
प्रकाशमान करो अंधियारा!
है आज मंगल दीपोत्सव ,
करो सफल मन उजियारा!!
समुद्र मंथन से हुआ आगमन,
हुए मगवन धन्वतरि अवतीर्ण!
स्वास्थ्य,संतोष,समर्पण कलश
है जीवन को करता प्रकीर्ण !!
स्वच्छता निवारण है चतुर्दशी,
मा लछ्मी गणेष करे उत्तीर्ण!!
बुद्धि विवेक से सुख सम्पदा
रामचंद्र हुए अवधपुरी अवतीर्ण!!
भगवान कृष्ण गोवर्धन गिरधारी,
किए सुरछित बृजवासी उत्कीर्ण!!
पंचम दिवस भैया दूज से करे,
होए पंचदिवसीय त्यौहार परिपूर्ण!!
सर्वाधिकार सुरछित मौलिक रचना
बोधिसत्व कस्तूरिया एडवोकेट,कवि,चिन्तक
202 नीरव निकुजं फेस -2,सिकंदरा,आगरा-282007