Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Nov 2024 · 1 min read

दीपावली

कुण्डलिया
~~~
राधा आगे बढ़ रही, कर में लेकर दीप।
स्नेह भाव मन में लिए, आए कृष्ण समीप।
आए कृष्ण समीप, राधिका मन मुस्काए।
हर्ष भाव के साथ, मगर कुछ कुछ सकुचाए।
कहते वैद्य सुरेन्द्र, दूर होती हर बाधा।
जहां कृष्ण के साथ, बसी हो मन में राधा।
~~~
शुभकर भक्ति भाव का, छलका सिंधु अथाह।
धन वैभव की आस है, मन में है उत्साह।
मन में है उत्साह, पर्व दीपों का पावन।
सज्जित हैं घर द्वार, महकते सबके आंगन।
कहते वैद्य सुरेन्द्र, हुए जगमग सबके घर।
जलते दीप अनेक, भावनाओं के शुभकर।
~~~
रात अमावस दे रही, हमको यह संदेश।
दीप जलाओ हर जगह, नहीं रहे तम लेश।
नहीं रहे तम लेश, पर्व दीपों का आया।
लेकर नयी उमंग, सभी का मन हर्षाया।
कहते वैद्य सुरेन्द्र, भक्ति का पान करें रस।
वैभव का वरदान, दे रही रात अमावस।
~~~
खेल रही हैं बेटियां, खूब मज़े के साथ।
मिलजुल आगे बढ़ रही, लिए हाथ में हाथ।
लिए हाथ में हाथ, मस्त बचपन है जिनका।
बालसुलभ मुस्कान, बना आभूषण इनका।
कहते वैद्य सुरेन्द्र, धरा पर स्वर्ग यहीं हैं।
जहां लिए आनंद, बेटियां खेल रही हैं।
~~~
-सुरेन्द्रपाल वैद्य

1 Like · 1 Comment · 50 Views
Books from surenderpal vaidya
View all

You may also like these posts

देश हे अपना
देश हे अपना
Swami Ganganiya
अब मैं
अब मैं
हिमांशु Kulshrestha
अपना ही ख़ैर करने लगती है जिन्दगी;
अपना ही ख़ैर करने लगती है जिन्दगी;
manjula chauhan
23 Be Blissful
23 Be Blissful
Santosh Khanna (world record holder)
निज प्रभुत्व में हैं जीते जो
निज प्रभुत्व में हैं जीते जो
Arvind trivedi
बहुत मुश्किल होता हैं, प्रिमिकासे हम एक दोस्त बनकर राहते हैं
बहुत मुश्किल होता हैं, प्रिमिकासे हम एक दोस्त बनकर राहते हैं
Sampada
.........,
.........,
शेखर सिंह
2642.पूर्णिका
2642.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
हम सम्भल कर चलते रहे
हम सम्भल कर चलते रहे
VINOD CHAUHAN
वो इश्क जो कभी किसी ने न किया होगा
वो इश्क जो कभी किसी ने न किया होगा
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
सहायता-प्राप्त माध्यमिक विद्यालय में प्रबंधक की भूमिका का निर्वहन*
सहायता-प्राप्त माध्यमिक विद्यालय में प्रबंधक की भूमिका का निर्वहन*
Ravi Prakash
Khwahish jo bhi ho ak din
Khwahish jo bhi ho ak din
Rathwa Dipak Dipak
नटखट कान्हा
नटखट कान्हा
विजय कुमार नामदेव
दर्द की शर्त लगी है दर्द से, और रूह ने खुद को दफ़्न होता पाया है....
दर्द की शर्त लगी है दर्द से, और रूह ने खुद को दफ़्न होता पाया है....
Manisha Manjari
222. प्रेम करना भी इबादत है।
222. प्रेम करना भी इबादत है।
मधुसूदन गौतम
इश्क़ से अपने कुछ चुने लम्हें
इश्क़ से अपने कुछ चुने लम्हें
Sandeep Thakur
Gujarati Urmikavya & Gujarati kavita, poetry of famous poets | Rekhtagujarati
Gujarati Urmikavya & Gujarati kavita, poetry of famous poets | Rekhtagujarati
Gujarati literature
बदनाम गली थी
बदनाम गली थी
Anil chobisa
आपकी मुस्कुराहट बताती है फितरत आपकी।
आपकी मुस्कुराहट बताती है फितरत आपकी।
Rj Anand Prajapati
वो तुम्हारी पसंद को अपना मानता है और
वो तुम्हारी पसंद को अपना मानता है और
Rekha khichi
गणतंत्र
गणतंत्र
लक्ष्मी सिंह
सुधि सागर में अवतरित,
सुधि सागर में अवतरित,
sushil sarna
" तारीफ़ "
Dr. Kishan tandon kranti
आप अपनी नज़र फेर ले ,मुझे गम नहीं ना मलाल है !
आप अपनी नज़र फेर ले ,मुझे गम नहीं ना मलाल है !
DrLakshman Jha Parimal
कोरोना का संकट मित्रों, कब तक हमें डरायेगा।
कोरोना का संकट मित्रों, कब तक हमें डरायेगा।
श्रीकृष्ण शुक्ल
दिखावे की
दिखावे की
Vishal Prajapati
कुछ ही देर लगती है, उम्र भर की यादें भुलाने में,
कुछ ही देर लगती है, उम्र भर की यादें भुलाने में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
संवेदना
संवेदना
Neeraj Agarwal
Life is too short
Life is too short
samar pratap singh
काश तेरी निगाह में
काश तेरी निगाह में
Lekh Raj Chauhan
Loading...