Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Feb 2024 · 1 min read

काश – दीपक नील पदम्

काश ये क़यामत थोड़ा पहले आती,

ख़ुदा की कसम कोई बात बन जाती,

अपनी आँखों में होती चमक सितारों की,

ज़िन्दगी किस कदर बदल जाती ।

यूँही फिरते रहे अंधेरों में,

बेसबब, बेपरवाह यूँही एकाकी,

दीप जलाने का होश तब आया,

जब दीपक से रूठ गई बाती ।

मेरे शहर में नहीं रिवाज़ माना लिखने का,

लबों से भी ये बात कही नहीं जाती,

तुम्हें पता था जब हालातों का,

तुम ही लिख देते कोई पाती ।

तुम तो जाते हो बदलकर रिश्ते,

कैसे ढूंढें कोई नया साकी,

इस तरह जीने से तो अच्छा था,

जान कमबख्त ये निकल जाती ।

(c)@ दीपक कुमार श्रीवास्तव ” नील पदम् “

2 Likes · 2 Comments · 164 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
View all
You may also like:
शायद मेरी बातों पर तुझे इतनी यक़ीन ना होगी,
शायद मेरी बातों पर तुझे इतनी यक़ीन ना होगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हमेशा जागते रहना
हमेशा जागते रहना
surenderpal vaidya
मेरी कलम से
मेरी कलम से
Anand Kumar
सच्चा प्यार तो मेरा मोबाइल अपने चार्जर से करता है एक दिन भी
सच्चा प्यार तो मेरा मोबाइल अपने चार्जर से करता है एक दिन भी
Ranjeet kumar patre
मैंने एक दिन खुद से सवाल किया —
मैंने एक दिन खुद से सवाल किया —
SURYA PRAKASH SHARMA
सब भूल गये......
सब भूल गये......
Vishal Prajapati
निगाहों में छुपा लेंगे तू चेहरा तो दिखा जाना ।
निगाहों में छुपा लेंगे तू चेहरा तो दिखा जाना ।
Phool gufran
वैवाहिक चादर!
वैवाहिक चादर!
कविता झा ‘गीत’
कभी किसी की किसी से खूब बनती है,
कभी किसी की किसी से खूब बनती है,
Ajit Kumar "Karn"
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
#गुप्त जी की जीवनी
#गुप्त जी की जीवनी
Radheshyam Khatik
आवो मिलकर बनायें हम हरियाला राजस्थान
आवो मिलकर बनायें हम हरियाला राजस्थान
gurudeenverma198
🙅लिख के रख लो🙅
🙅लिख के रख लो🙅
*प्रणय*
जरूरत के वक्त जब अपने के वक्त और अपने की जरूरत हो उस वक्त वो
जरूरत के वक्त जब अपने के वक्त और अपने की जरूरत हो उस वक्त वो
पूर्वार्थ
आजाद पंछी
आजाद पंछी
Ritu Asooja
*दिल का आदाब ले जाना*
*दिल का आदाब ले जाना*
sudhir kumar
मैं नारी हूं
मैं नारी हूं
Mukesh Kumar Sonkar
सुख - एक अहसास ....
सुख - एक अहसास ....
sushil sarna
प्रेम सुधा
प्रेम सुधा
लक्ष्मी सिंह
कट्टर पंथ वो कोढ़ है जो अपने ही
कट्टर पंथ वो कोढ़ है जो अपने ही
Sonam Puneet Dubey
परछाई (कविता)
परछाई (कविता)
Indu Singh
*हैं जिनके पास अपने*,
*हैं जिनके पास अपने*,
Rituraj shivem verma
कैसे बदला जायेगा वो माहौल
कैसे बदला जायेगा वो माहौल
Keshav kishor Kumar
"खुदा के नाम"
Dr. Kishan tandon kranti
ग़ज़ल(नाम तेरा रेत पर लिखते लिखाते रह गये)
ग़ज़ल(नाम तेरा रेत पर लिखते लिखाते रह गये)
डॉक्टर रागिनी
4583.*पूर्णिका*
4583.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अब मत खोलना मेरी ज़िन्दगी
अब मत खोलना मेरी ज़िन्दगी
शेखर सिंह
प्रेम गजब है
प्रेम गजब है
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
आज कल...…... एक सच
आज कल...…... एक सच
Neeraj Agarwal
देख तो ऋतुराज
देख तो ऋतुराज
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
Loading...