दीपक जो बुझे पड़े थे
मेरे घर में
आग
घर के लोग ही
लगा रहे थे
दुनिया ने पूछा कि
यह आग कैसे लगी
मैंने हंसकर कहा कि
हम जैसे लोगों के
क्या कहने
घर में इतना प्यार है
लक्ष्मी मां की कृपा है
घर में पैसों की बौछार है
हम तो बिना दीवाली के
आतिशबाजी करके
खुशियां मना रहे थे
दीपक जो बुझे पड़े थे
बस तेल डाल डालकर
उन्हें जला रहे थे।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001