Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Mar 2021 · 1 min read

दीपक को

दीपक के पास
तेल पड़ा था
थोड़ा सा हाथ आगे बढ़ाना था
दीपक में डालना था और
उसे बुझने से बचाना था
पर न हाथ किसी का
बढ़ा
न दीपक में तेल डला
कारण यह नहीं कि
कोई मजबूरी थी
जैसे कि तेल फैल
गया हो
सीधी सी बात है
हर किसी को
विपरीत परिस्थितियों का
आभास कराते हुए
दीपक को
हर हाल में
बुझाना था।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
513 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Minal Aggarwal
View all
You may also like:
एक बेवफा का प्यार है आज भी दिल में मेरे
एक बेवफा का प्यार है आज भी दिल में मेरे
VINOD CHAUHAN
"जाल"
Dr. Kishan tandon kranti
इक सांस तेरी, इक सांस मेरी,
इक सांस तेरी, इक सांस मेरी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
पैसे की क़ीमत.
पैसे की क़ीमत.
Piyush Goel
#चिंतन
#चिंतन
*प्रणय*
शादी
शादी
Adha Deshwal
*स्वस्थ देह का हमें सदा दो, हे प्रभु जी वरदान (गीत )*
*स्वस्थ देह का हमें सदा दो, हे प्रभु जी वरदान (गीत )*
Ravi Prakash
तू बदल गईलू
तू बदल गईलू
Shekhar Chandra Mitra
हँसकर गुजारी
हँसकर गुजारी
Bodhisatva kastooriya
हर गली में ये मयकदा क्यों है
हर गली में ये मयकदा क्यों है
प्रीतम श्रावस्तवी
आजकल नहीं बोलता हूं शर्म के मारे
आजकल नहीं बोलता हूं शर्म के मारे
Keshav kishor Kumar
3279.*पूर्णिका*
3279.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
भक्ति गाना
भक्ति गाना
Arghyadeep Chakraborty
एक ही राम
एक ही राम
Satish Srijan
*बदलाव की लहर*
*बदलाव की लहर*
sudhir kumar
लेखक
लेखक
Shweta Soni
हाय री गरीबी कैसी मेरा घर  टूटा है
हाय री गरीबी कैसी मेरा घर टूटा है
कृष्णकांत गुर्जर
अब तुझपे किसने किया है सितम
अब तुझपे किसने किया है सितम
gurudeenverma198
मुक्ति
मुक्ति
Amrita Shukla
एक मुलाकात अजनबी से
एक मुलाकात अजनबी से
Mahender Singh
* इंसान था रास्तों का मंजिल ने मुसाफिर ही बना डाला...!
* इंसान था रास्तों का मंजिल ने मुसाफिर ही बना डाला...!
Vicky Purohit
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
पवित्र होली का पर्व अपने अद्भुत रंगों से
पवित्र होली का पर्व अपने अद्भुत रंगों से
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
कोई दरिया से गहरा है
कोई दरिया से गहरा है
कवि दीपक बवेजा
क्या होता है रोना ?
क्या होता है रोना ?
पूर्वार्थ
प्राण दंडक छंद
प्राण दंडक छंद
Sushila joshi
Topic Wait never ends
Topic Wait never ends
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जीवन में ठहरे हर पतझड़ का बस अंत हो
जीवन में ठहरे हर पतझड़ का बस अंत हो
Dr Tabassum Jahan
तपन ने सबको छुआ है / गर्मी का नवगीत
तपन ने सबको छुआ है / गर्मी का नवगीत
ईश्वर दयाल गोस्वामी
मां तौ मां हैं 💓
मां तौ मां हैं 💓
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
Loading...