दीपक को
दीपक के पास
तेल पड़ा था
थोड़ा सा हाथ आगे बढ़ाना था
दीपक में डालना था और
उसे बुझने से बचाना था
पर न हाथ किसी का
बढ़ा
न दीपक में तेल डला
कारण यह नहीं कि
कोई मजबूरी थी
जैसे कि तेल फैल
गया हो
सीधी सी बात है
हर किसी को
विपरीत परिस्थितियों का
आभास कराते हुए
दीपक को
हर हाल में
बुझाना था।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001