दीदार
#दीदार
हम तो कब से है तैयार, करने दीदार ।
इंतजार कर रहे हैं, कब करोगे प्यार का इजहार।
मेरी मुरादो के दिन कब आयेंगे, कब होगा तुझे प्यार।
किस्मत है सोई हुई, हो रही इजहार में देर।
ये मुश्किल बड़ी दिख रही, पाई हुई मंजिल खो रही यार।
फिर भी मेरे दिल का तुझपर, पूरा भरोसा है यार।
कभी तो कर लोगे इजहार, तुम भी करोगे दीदार ।
मानते हैं देर करने की आदत, प्यार में होती है स्विकार।
मोहब्बत में तेरे सनम, इसलिए तयार हूं करने दीदार ।
मौसम आते जाते रहेंगे, सिर्फ तेरे दीदार का है इंतजार।
हम तो कब से है तैयार, करने दीदार …………….
स्वरचित मौलिक अप्रकाशित
कृष्णा वाघमारे, जालना, महाराष्ट्र.