Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 May 2024 · 1 min read

दीदार

#दीदार

हम तो कब से है तैयार, करने दीदार ।
इंतजार कर रहे हैं, कब करोगे प्यार का इजहार।
मेरी मुरादो के दिन कब आयेंगे, कब होगा तुझे प्यार।
किस्मत है सोई हुई, हो रही इजहार में देर।
ये मुश्किल बड़ी दिख रही, पाई हुई मंजिल खो रही यार।
फिर भी मेरे दिल का तुझपर, पूरा भरोसा है यार।
कभी तो कर लोगे इजहार, तुम भी करोगे दीदार ।
मानते हैं देर करने की आदत, प्यार में होती है स्विकार।
मोहब्बत में तेरे सनम, इसलिए तयार हूं करने दीदार ।
मौसम आते जाते रहेंगे, सिर्फ तेरे दीदार का है इंतजार।
हम तो कब से है तैयार, करने दीदार …………….

स्वरचित मौलिक अप्रकाशित
कृष्णा वाघमारे, जालना, महाराष्ट्र.

Language: Hindi
33 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
शिव स्तुति
शिव स्तुति
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
सियासत कमतर नहीं शतरंज के खेल से ,
सियासत कमतर नहीं शतरंज के खेल से ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
सुकर्मों से मिलती है
सुकर्मों से मिलती है
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
वतन हमारा है, गीत इसके गाते है।
वतन हमारा है, गीत इसके गाते है।
सत्य कुमार प्रेमी
कौन हूं मैं?
कौन हूं मैं?
Rachana
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
आसमाँ पर तारे लीप रहा है वो,
आसमाँ पर तारे लीप रहा है वो,
अर्चना मुकेश मेहता
2850.*पूर्णिका*
2850.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
■ तय मानिए...
■ तय मानिए...
*प्रणय प्रभात*
"आज का दौर"
Dr. Kishan tandon kranti
लोगो खामोश रहो
लोगो खामोश रहो
Surinder blackpen
कहानी- 'भूरा'
कहानी- 'भूरा'
Pratibhasharma
किरायेदार
किरायेदार
Keshi Gupta
रोज गमों के प्याले पिलाने लगी ये जिंदगी लगता है अब गहरी नींद
रोज गमों के प्याले पिलाने लगी ये जिंदगी लगता है अब गहरी नींद
कृष्णकांत गुर्जर
राम आएंगे
राम आएंगे
Neeraj Agarwal
स्वप्न लोक के खिलौने - दीपक नीलपदम्
स्वप्न लोक के खिलौने - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
अपराह्न का अंशुमान
अपराह्न का अंशुमान
Satish Srijan
कर सत्य की खोज
कर सत्य की खोज
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
क्या कहें
क्या कहें
Dr fauzia Naseem shad
*कुछ अनुभव गहरा गए, हुए साठ के पार (दोहा गीतिका)*
*कुछ अनुभव गहरा गए, हुए साठ के पार (दोहा गीतिका)*
Ravi Prakash
सात फेरे
सात फेरे
Dinesh Kumar Gangwar
नेता जी
नेता जी
surenderpal vaidya
राम राम सिया राम
राम राम सिया राम
नेताम आर सी
पाठ कविता रुबाई kaweeshwar
पाठ कविता रुबाई kaweeshwar
jayanth kaweeshwar
वन को मत काटो
वन को मत काटो
Buddha Prakash
जिंदगी जीने का कुछ ऐसा अंदाज रक्खो !!
जिंदगी जीने का कुछ ऐसा अंदाज रक्खो !!
शेखर सिंह
शिक्षित लोग
शिक्षित लोग
Raju Gajbhiye
खुश रहें मुस्कुराते रहें
खुश रहें मुस्कुराते रहें
PRADYUMNA AROTHIYA
बेशक मां बाप हर ख़्वाहिश करते हैं
बेशक मां बाप हर ख़्वाहिश करते हैं
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...