दिसम्बर का महीना 🥀
दिसम्बर का महीना🥀
पुखराज तेली ✍️
हमें हमारी ही यादों से
दूर लाता महीना,
कुछ को याद करता तो
कुछ को भूल जाता महीना।
एक वर्ष लाता तो
एक छोड़ जाता महीना,
फिर से नई राहों पर
फिर मोड़ जाता महीना।
बहुत से दूर होता है
बहुत को जोड़ जाता महीना,
मुकम्मल सपने कुछ होते
कुछ के तोड़ जाता महीना।
समय की हमारी चाल से
बस होड़ गाता महीना,
करते जब चलना शुरू हम
पहले दौड़ जाता महीना।
सभी मौसमों पर अनोखी
अनकही धुंध लाता महीना,
किसी को भेज देता है
किसी को ढूंढ लाता महीना।
चटककर टहनियों से
जब यह टूटता महीना,
शनै शनै हमारी जिंदगी से
छूटता महीना।
टूटे सपनों का डिब्बा जो
अब है फूटता महीना,
किसी को सब कुछ मिल जाता
किसी को लूटता महीना।
— पुखराज तेली, भीलवाड़ा, राजस्थान🌻