” दिल “
” दिल ”
अनासिर से इंसानी जिस्म बना
बची आग से आशिक का दिल बना,
ये दिल धड़का है रोज लाख बार
यारों बहुत हो चुका अब जाम आए।
” दिल ”
अनासिर से इंसानी जिस्म बना
बची आग से आशिक का दिल बना,
ये दिल धड़का है रोज लाख बार
यारों बहुत हो चुका अब जाम आए।