दिल से जरा गुजरना साहब
कष्टों से क्या डरना साहब
रोज रोज क्या मरना साहब
लगे हुए हम सब लाइन में
इक दिन पार उतरना साहब
पूजा पाठ भले मत करना
पीर किसी की हरना साहब
किसी और की हरी दूब को
कभी नहीं अब चरना साहब
विहग प्रीति के उड़ने देना
उनके पर न कतरना साहब
सागर गहरा है, होने दो
बन कर द्वीप उभरना साहब
राम रहीम मिलेंगे दोनों
दिल से जरा गुजरना साहब