दिल साफ़ होणा चाहिदा
मुझे आकाश में उड़ना नहीं है
मैं कोई परिंदा तो हूँ , नहीं
बस एक इंसान हूँ जो यह जानता हूँ
कि दुनिया मुँह देख कर बात करती है !!
दिल अगर साफ़ नहीं, तो क्या फायदा
दिल में अगर मैल है , तो भी क्या फायदा
दिल को दिल से मिला कर देखो
कैसे बनता है जिन्दगी का रास्ता !!
में दोस्ती उन से करता हूँ , जो अपने
दिल को साफ़ रख कर बात करते हैं
क्या फायदा यारो हाथ मिलाने का
अगर वो दिल में मैल, रखते हैं !!
खूबसूरत हो अगर तो मुझे क्या करना
ख़ूबसूरती तो दिल से हुआ करती है
देने वाले चेहरे से नहीं, बस वो अपने
दिल से ही किसी के लिए दुआ करती है !!
“अजीत” ने दुनिया में, ऐसे ही लोग देखे हैं
तो बात करते हैं मुझ से, दिल कहीं और रखते हैं
बड़ा अजीब सा लगता है, यह ज़माने का दस्तूर
बस् यह सोच कर दिल को एक ठेस पहुँचती है !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ