दिल मे मेरे गांव बसता
दिल में मेरे गाँव बसता,
जुबां पर यही नाम रहता,
बड़े बूड़ो का सम्मान पाते,
सबसे सदा राम राम करता,
सूरज को भगवान मानते,
चंदा यहाँ मामा कहलाते,
पेड़ पौधे संगी साथी हमारे,
सबको मिलकर खूब हँसाते,
यहाँ की मिट्टी सोना,
कभी न इसको खोना,
सच कहता हूँ मैं यारो,
कर याद बहुत आता रोना,
आस पड़ोस जब देखते,
खुश होकर प्रेम से बतयाते,
तीज त्यौहारों की धूम,
मिलकर सब साथ मनाते,
मिट्टी भी कुछ कहती,
बचपन की याद दिलाती,
हम खूब लगाते थे लौट,
शर्म भी शरमाकर भागती,
दिल में मेरे गाँव बसता,
कानो में सुंदर गीत बजता,
सुन सबकी मीठी बोली,
गम कोसो दूर भाग जाता,
गांव मेरा छोटा पर बसता जहान,
मिलती जो खुशियाँ बनाती महान,
धरा का स्वर्ग यही कहलाता,
मेरा गाँव मेरा देश यही मेरी पहचान,
।।जेपीएल।।