दिल में भी
दिल में भी, इत्मिनान रखेंगे,
फ़ासला दरमियान रक्खेंगे ।
आप की सोच मुखत्लिफ़ हम से,
हम भी इसका ध्यान रक्खेंगे ।
वार तुम पर तो कर नहीं सकते,
ख़ाली अपनी मियान रक्खेंगे ।
दोस्तों की कमी नहीं होगी,
जितनी मीठी जुबान रक्खेंगे।
कर के खामोशियों में गुम खुद को,
दिल का हम इत्मिनान रक्खेंगे।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद