दिल में दर्द का एहसास क्यों हो रहा है/मंदीप
दिल में दर्द का एहसास क्यों हों रहा है/मंदीप
दिल में दर्द का एहसास क्यों हो रहा है,
मन में कोई संका का बीज बो रहा है।
मिले थे जिस से अजनबी की तरह,
आज उस से ही प्यार हो रहा है।
सुना रहा है दर्द दिल का ,
कोई दिल का दर्द छुपा रहा है।
जगा कर काली रातो में,
कोई आराम से सो रहा है।
दिले नादान गलती तो कर दी,
आज दिल उस गलती पर रो रहा है।
दर्द दिया जिस दिल ने,
वो ही मेरे दिल को मो रहा है।
“मंदीप” तुम ने ऐसी क्या खता की,
जो आज तेरे साथ ऐसा हो रहा है।
मंदीपसाई