दिल में तुम चली आओ… !!
मेरे दिल के दर्पण में, तुम अपना हुस्न संवार लो,
शौक से तुम मेरे दिल को निखार लो !
ये नज़र मुबारक है तुम्हे सजा-ऐ-कुदरती,
सजा लो मेरे दिल का अंजुमन, कर दो मुक़म्मल आशिकी !!
दिल का आसमां सूना-सा है,
चाँद-ऐ-रुख के साथ तुम, बारात-ऐ-चांदनी भी ले आओ..!
मेरे दिल में आके तुम सनम, मुस्कुराहट-ऐ-रोशनी बिखेर जाओ !!
ये दिल तुम्हारा है हमदम, इसे नैन-ओ-नख्स से सजा जाओ,
बहुत हुई रुख़सत सनम, अब ना मुझ से दूर जाओ !
रुसवाई का दामन छोड़ो, दिल में तुम चले आओ.. !!*!!
❤Love…Ravi❤