Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Aug 2022 · 1 min read

दिल भुलाना चाहता है – गजल

गजल दिल भुलाना चाहता है। – कोमल अग्रवाल
दिल अब उसको भुलाना चाहता है,
एक नया चेहरा बनाना चाहता है।
इश्क का हर शब्द आयात की तरह है
क्या हुआ जो एक बार फिर से गुनगुनाना चाहता है।
है बहुत मशहूर किस्से रोशनी के
अब अँधेरों मे एक शामियाना चाहता है।
की बहुत सी साजिशें हैं दोस्तों ने
दुश्मनों से दिल लगाना चाहता है।
ये तेरी महफ़िल का साहिब कैसा चलन है
हर शाखश मेरा दिल दुखाना चाहता है।
होती नही कमी आखिर किसके किरदार मे
क्यूँ हर कोई किसी को आजमाना चाहता है।
यहाँ दस्तूरए वफ़ा का जिक्र करता कौन है
हर कोई बस एक शाम बिताना चाहता है।
थक गए हैं सुनते सुनते दर्द सबके
कोई मिले तो पत्थर भी आँसू बहन चाहता है।
जुनून हैसियत जिंदादिली मोहब्बत सबके पास नही होती
कोई पागल ही तो हौसलों से दरिया सुखना चाहता है।
होता नही हर शाखश कोमल की तरह
जो दर्द मे भी मुसकुराना चाहता है।

Language: Hindi
251 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कुछ तो बात है मेरे यार में...!
कुछ तो बात है मेरे यार में...!
Srishty Bansal
सदा प्रसन्न रहें जीवन में, ईश्वर का हो साथ।
सदा प्रसन्न रहें जीवन में, ईश्वर का हो साथ।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
Keep on trying
Keep on trying
Sridevi Sridhar
क्या यही है हिन्दी-ग़ज़ल? *रमेशराज
क्या यही है हिन्दी-ग़ज़ल? *रमेशराज
कवि रमेशराज
#जगन्नाथपुरी_यात्रा
#जगन्नाथपुरी_यात्रा
Ravi Prakash
बीमार घर/ (नवगीत)
बीमार घर/ (नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
लिखू आ लोक सँ जुड़ब सीखू, परंच याद रहय कखनो किनको आहत नहिं कर
लिखू आ लोक सँ जुड़ब सीखू, परंच याद रहय कखनो किनको आहत नहिं कर
DrLakshman Jha Parimal
"सुनो एक सैर पर चलते है"
Lohit Tamta
युद्ध घोष
युद्ध घोष
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
तोड़ा है तुमने मुझे
तोड़ा है तुमने मुझे
Madhuyanka Raj
जब मरहम हीं ज़ख्मों की सजा दे जाए, मुस्कराहट आंसुओं की सदा दे जाए।
जब मरहम हीं ज़ख्मों की सजा दे जाए, मुस्कराहट आंसुओं की सदा दे जाए।
Manisha Manjari
Life
Life
C.K. Soni
अक्सर कोई तारा जमी पर टूटकर
अक्सर कोई तारा जमी पर टूटकर
'अशांत' शेखर
*
*"हलषष्ठी मैया'*
Shashi kala vyas
23/33.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/33.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मैं महकती यादों का गुलदस्ता रखता हूँ
मैं महकती यादों का गुलदस्ता रखता हूँ
VINOD CHAUHAN
ग़ज़ल _रखोगे कब तलक जिंदा....
ग़ज़ल _रखोगे कब तलक जिंदा....
शायर देव मेहरानियां
युद्ध
युद्ध
Dr.Priya Soni Khare
मानव के बस में नहीं, पतझड़  या  मधुमास ।
मानव के बस में नहीं, पतझड़ या मधुमास ।
sushil sarna
"क्या बताऊँ दोस्त"
Dr. Kishan tandon kranti
वो बचपन था
वो बचपन था
Satish Srijan
प्रेम पर्व आया सखी
प्रेम पर्व आया सखी
लक्ष्मी सिंह
आया बाढ नग पहाड़ पे🌷✍️
आया बाढ नग पहाड़ पे🌷✍️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
कुछ तो होता है ना, जब प्यार होता है
कुछ तो होता है ना, जब प्यार होता है
Anil chobisa
लोकतन्त्र के हत्यारे अब वोट मांगने आएंगे
लोकतन्त्र के हत्यारे अब वोट मांगने आएंगे
Er.Navaneet R Shandily
पुनर्जन्म का साथ
पुनर्जन्म का साथ
Seema gupta,Alwar
■ शुभागमन गणराज 💐
■ शुभागमन गणराज 💐
*Author प्रणय प्रभात*
जिन्होंने भारत को लूटा फैलाकर जाल
जिन्होंने भारत को लूटा फैलाकर जाल
Rakesh Panwar
अजीब शौक पाला हैं मैने भी लिखने का..
अजीब शौक पाला हैं मैने भी लिखने का..
शेखर सिंह
Loading...