दिल ने मुझसे कहा
*****दिल ने मुझ से कहा*****
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दिल ने मुझ से ये कुछ कहा है,
अब तक तेरे लिए सब सहा है।
तूफानों से टकरा कर रहा मौन,
आँधियों को सीने पर जरा है।
मौज मस्तियों में रहा हूँ रंगीन,
रंग बिरंगे रंगों में खूब रंगा हूँ।
दुख के पहाड़ों का सहा है भार,
गम सह के गमगीन भी रहा हूँ।
लड़ता रहा लड़ाई मैं जमीर की,
स्वाभिमानी बन पथ पर अड़ा हूँ।
कई बार टूटकर हुआ चकनाचूर,
बिखर कर मैं कई बार जुड़ा हूँ।
मनसीरत ने तेरे लिए संभाला है,
गिरवीं रहने से कई बार बचा हूँ।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)