दिल दे के तुझे तेरा तलबगार नहीं हूँ।
गज़ल
221…..1221……1221…..122
दिल दे के तुझे तेरा तलबगार नहीं हूँ।
तेरा हूँ, तेरा होके तेरा प्यार नहीं हूँ।
पढ़ना है मुझे तू तो मेरे दिल को समझ लें,
इंसान हूॅं मैं यार मैं अखबार नहीं हूँ।
वादे न करें झूठ अदा ये है हमारी,
झूठा न समझ यार मैं सरकार नहीं हूँ।
जिंदा हूँ तेरी याद में मर कर के अभी तक,
तेरा हूँ तेरे पास हूँ गद्दार नहीं हूँ।
मिलने की हो उम्मीद तभी प्यार करेंगे।
ये प्यार है औ’र प्यार में व्यापार नहीं है।
…….✍️ प्रेमी