दिल दीवाना हो जाए (भाग-१)
जब कोई मधुबाला की,
गजरा महक- महक जाए l
जब फूलों के उपवन में,
कोई तितली इतराए l
तन मन सुरभित हो जाए,
दिल दीवाना हो जाए l
जब पायल के रुनुक- झुनुक,
कानों में मधु रस घोले l
जब अमराई में कोयल,
शाम घड़ी कू कू बोले l
तन डोले,मन हर्षाए,
दिल दीवाना हो जाए ll
जब सरसों के खेतों में,
सर- सर चली हवाए l
कोई लड़की मस्ती में,
धानी चुनरी लहराए l
जब ऋतु बसंत के आए
दिल दीवाना हो जाए ll
✍️ दुष्यंत कुमार पटेल