*!* दिल तो बच्चा है जी *!*
दिल बच्चा बन बैठा, करता है नादानी बड़ी – बड़ी
मन के मते चला जो जग में, उसकी तो किस्मत उजडी़
(1) मन नटखट बंदर है, करवाए सबसे ये उल्टे काम
मन को करो नियंत्रण नहीं तो, करवाए सबको बदनाम
मन मूरख विध्वंसक ऐसा, झुकवा दे सिर की पगड़ी
दिल बच्चा बन बैठा…………
(2) हमें मार मन खुद मर जाए, मचा रहा ये बड़े बवाल
गलत दिशा में प्रेरित कर मन, खिचवा देता सबकी खाल
पछताने का मौका छीन, पहना देता हाथों हथकड़ी
दिल बच्चा बन बैठा………..
(3) सोच समझकर कर्म करो, मन को ना हावी होने दो
सत्कर्मों में लगे रहो, मन रोता है तो रोने दो
बुद्धि बल से ही सुन प्यारे, सफल बने हर एक घड़ी
दिल बच्चा बन बैठा…………
लेखक:- खैमसिहं सैनी
मो.न. – 9266034599