दिल जीतने का कोई उपहार दो न
दिल जीतने का कोई उपहार दो न
छूटी वाला फिर से कोई इतवार दो न
कल तक हर पहर ख्यालों में क़रीब था
फिर से क़रीब आ वही प्यार दो न
दर्द है,मग़र मर्ज़ का पता नही
तुम ही आकर कोई उपचार दो न
भूपेंद्र रावत
23।04।2020
दिल जीतने का कोई उपहार दो न
छूटी वाला फिर से कोई इतवार दो न
कल तक हर पहर ख्यालों में क़रीब था
फिर से क़रीब आ वही प्यार दो न
दर्द है,मग़र मर्ज़ का पता नही
तुम ही आकर कोई उपचार दो न
भूपेंद्र रावत
23।04।2020