दिल को बच्चा ही बना रहने दो
दिल को बच्चा बना ही रहने दो
इस तरह जी भर जियो बचपने को।
फूलों से उनके रंग माँगो
तितलियों के पीछे पीछे भागो
समंदरों के किनारों पर घूमो
सीपियाँ इकट्ठी करो, चूमो।
कोई मुश्किल चमन नहीं होती
मस्तियों में थकन नहीं होती।
पाँव रखते ही आग पर क्यों हो?
जुल्म करते दिमाग पर क्यों हो?
जिम्मेदारी का ख्वाब देते क्यों हो?
उम्र का हिसाब देते क्यों हो?
संजय नारायण