Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Dec 2020 · 1 min read

दिल के ज़ख्म।

हर जख्म दिया जमाने ने,
तब सहारा दिया तेरे मुस्कुराने ने,

प्यार करने वालो की आँखों मे,
अश्कों का जलजला दिया बेगानों ने,

सोचता हूँ हम यूँ तब मिले है कि,
जब कही का नही छोड़ा जमाने ने,

यक़ीन है उम्र भर साथ रहोगे तुम,
ये हौसला दिया तेरा मुझ संग मुस्कुराने ने।

दीपक ‘पटेल’

Language: Hindi
1 Like · 248 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
पैगाम डॉ अंबेडकर का
पैगाम डॉ अंबेडकर का
Buddha Prakash
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
चुनाव
चुनाव
Lakhan Yadav
मुझे भुला दो बेशक लेकिन,मैं  तो भूल  न  पाऊंगा।
मुझे भुला दो बेशक लेकिन,मैं तो भूल न पाऊंगा।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
देती है सबक़ ऐसे
देती है सबक़ ऐसे
Dr fauzia Naseem shad
3090.*पूर्णिका*
3090.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आप हरते हो संताप
आप हरते हो संताप
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
वक्त बड़ा बेरहम होता है साहब अपने साथ इंसान से जूड़ी हर यादो
वक्त बड़ा बेरहम होता है साहब अपने साथ इंसान से जूड़ी हर यादो
Ranjeet kumar patre
दिलों में प्यार भी होता, तेरा मेरा नहीं होता।
दिलों में प्यार भी होता, तेरा मेरा नहीं होता।
सत्य कुमार प्रेमी
कुछ तो गम-ए-हिज्र था,कुछ तेरी बेवफाई भी।
कुछ तो गम-ए-हिज्र था,कुछ तेरी बेवफाई भी।
पूर्वार्थ
पर्यावरण संरक्षण
पर्यावरण संरक्षण
Pratibha Pandey
ख्वाब सुलग रहें है... जल जाएंगे इक रोज
ख्वाब सुलग रहें है... जल जाएंगे इक रोज
सिद्धार्थ गोरखपुरी
जाने बचपन
जाने बचपन
Punam Pande
भगवन नाम
भगवन नाम
लक्ष्मी सिंह
हमारी राष्ट्रभाषा हिन्दी
हमारी राष्ट्रभाषा हिन्दी
Mukesh Kumar Sonkar
चलो माना तुम्हें कष्ट है, वो मस्त है ।
चलो माना तुम्हें कष्ट है, वो मस्त है ।
Dr. Man Mohan Krishna
हंसकर मुझे तू कर विदा
हंसकर मुझे तू कर विदा
gurudeenverma198
ବାତ୍ୟା ସ୍ଥିତି
ବାତ୍ୟା ସ୍ଥିତି
Otteri Selvakumar
क्या सीत्कार से पैदा हुए चीत्कार का नाम हिंदीग़ज़ल है?
क्या सीत्कार से पैदा हुए चीत्कार का नाम हिंदीग़ज़ल है?
कवि रमेशराज
कारण कोई बतायेगा
कारण कोई बतायेगा
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
चन्द्रयान 3
चन्द्रयान 3
Jatashankar Prajapati
कठिन परिश्रम साध्य है, यही हर्ष आधार।
कठिन परिश्रम साध्य है, यही हर्ष आधार।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
मूल्य मंत्र
मूल्य मंत्र
ओंकार मिश्र
शायरी
शायरी
goutam shaw
"पंछी"
Dr. Kishan tandon kranti
"माँ की छवि"
Ekta chitrangini
दिल ने गुस्ताखियाॅ॑ बहुत की हैं जाने-अंजाने
दिल ने गुस्ताखियाॅ॑ बहुत की हैं जाने-अंजाने
VINOD CHAUHAN
" बस तुम्हें ही सोचूँ "
Pushpraj Anant
■ आज का शेर
■ आज का शेर
*Author प्रणय प्रभात*
भरोसा टूटने की कोई आवाज नहीं होती मगर
भरोसा टूटने की कोई आवाज नहीं होती मगर
Radhakishan R. Mundhra
Loading...