दिल के सागर में
यह
दिल के सागर में जो
भंवर उठते रहते हैं
उनका किनारा क्या है
यह दुनिया के लोग या
भगवान का सहारा
यह लोग
जीवन नैया पार लगायेंगे
किसी मंजिल तक पहुंचायेंगे या
बीच राह
किसी मझधार में ही डूबायेंगे
भगवान को बसा लो
ह्रदय में तो
यह भवसागर तो क्या
दिल में हरदम उठते गिरते
भंवर
ज्वार भाटे से
किसी जादुई मंत्र के जाप के
प्रभाव से ही
तत्काल शांत हो जायेंगे।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001