दिल के जज़्बात
मैं दिल के जज़्बात लिखता हूं
दिल में है जो अरमान कहता हूं
जब मिलोगे तो खुद देख लेना
कि तेरी जुदाई मैं कैसे सहता हूं।।
बीते पलों की हर याद को
अपने मन में संजोए रखता हूं
मिलोगे तो जानोगे मेरा हाल
तुम्हारे बिना मैं कैसे रहता हूं।।
मैं तो तेरी हसीं सूरत का बस
सपनो में ही दीदार कर रहा हूं
अब आ भी जाओ मिलने मुझसे
बरसों से तेरा इंतज़ार कर रहा हूं।।
कोई नहीं जानता मन में
क्या कश्मकश चली है
जबसे देखा है तुम्हें मैने
मन में कोई लहर तो चली है।।
तुम ही समझोगे मेरा हाल
इतना तो मैं अब जानता हूं
जग में मिले है लाखों हसीं
बस तुम्हें ही अपना मानता हूं।।
तरसती आंखों की प्यास बुझेगी
अभी तो आंखें तेरी राह देखती है
बंद हो या खुली हो अभी तो बस
जहां भी देखे, तेरी तस्वीर देखती है।।
गम के आसूं तो बहुत बह गए
खुशी के आंसू बहाना चाहता हूं
इससे पहले की मेरी जान जाए
तुम्हें अपना बनाना चाहता हूं।।