!! दिल के कोने में !!
दिल के कोने में उनकी जो तस्वीर है
सोचता हूँ कि, उसको सजाता चलूँ
कब के रूठे हुए हैं, मेरे हमनशीं
थोड़ा,थोड़ा सा उनको मनाता चलूँ
यूँ तो आते रहें, ख्वाब में रातभर
हाल-ए-दिल उनको अपना बताता चलूँ
कोई छेड़े न दिल के तरंग को मेरे,
कि उनके यादों में, आँसू बहाता चलूँ
दिल के दरिया में तुफाँ है,इक इश्क़ का
डूब जाऊँ, या उनको डूबाता चलूँ
चाहतों का चला सिलसिला इस तरह
कि उनके नज़रों से, नज़रें मिलाता चलूँ
“चुन्नू”जिंदगी अब अधूरी है उनके बीना
सोचता हूँ कि, अपना बनाता चलूँ
—— कलमकार—–
चुन्नू लाल गुप्ता- मऊ