दिल के करीब है तू
**दिल के करीब है तू**
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मेरा नसीब है तू,
दिल के करीब है तू।
गम छू सके न् मन को,
दुःख में हबीब है तू।
मन के आमिर हो तुम,
बे – शक गरीब है तू।
पल फिर हसीन होगा,
माना रकीब है तू।
सह लूँ फकीर बनकर,
गर बदनसीब है तू।
उम्रभर लकीर बनकर,
माना रकीब है तू।
मनसीरत जहान देखा,
शुरू से अजीब है तू।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेडी राओ वाली (कैथल)