दिल की ज़मी में खो गयी कही….
शहरों के इन अंधेरों से निकाला तो…
परछाईयों में खो गयी कही,
अफ़साने से लफ्ज़ो से निकाला तो…
बेवजूद बातों में खो गयी कही,
आंखिर कब तक ढूँढू में…..
ईश्क के इन पागल शहरों में,
बेवजूद जहाँ से निकाला तो..
मेरे दिल की ज़मी में खो गयी कही।
–सीरवी प्रकाश पंवार