~~ दिल की बात ~~~
वो आये और अपनी दस्तक दी
हाल ऐ दिल चुपके से कह गए
न बोले न कुछ कहा , बस जाते
जाते, अपनी बात बस कह गये !!
छोड़ गए कुछ यादें अपनी
बस, यूं ही हम को बहलाने को
हम ने कहा फिर कब मिलोगे,
कुछ इशारे से वो कह गए !!
दास्ताँ दिल की दिल जानता है
दिल तो बस उनको ही मानता है
वक्त की इन्तेजार कर रहे थे, कि
उनसे मुलाक़ात होगी, यह सोच सब सह गए !!
हर राह पर जैसे राह हो उनकी
हर बात पर बात हो उनकी
जब भी बैठे हम तनहाई में, वो
दिल में कुछ कह कर चले गए !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ