दिल की बात बताते रह गए
**दिल की बात बताते रह गए (गजल)**
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****** 2122-2122-2122-212 ****
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वो गए हैं भूल,दिल की बात बताते रह गए,
पास आ कर दूर जा कर यूँ सताते रह गए।
आप बिन जी हमें ये चैन आता ही नहीं,
यार छूटा साथ हम ऑंसू बहाते रह गए।
बेवफाई ने हमें बेचैन तन मन से किया,
प्यार में तुमको अकेले हम मनाते रह गए।
जानकर भी आपने कुछ भी बताया भी नहीं,
राज ये जिंदगी के आप छुपाते रह गए।
पीर सह कर रहा उस को सदा ही चाहता,
बाजुओं में ओर की हमको छलाते रह गए।
भाव मे बह कर हमें सीने लगा ही था लिया,
अंक की उस जकड़ से हम छुड़ाते रह गए।
मीत मनसीरत कहे निज सांस के रोक कर,
रात कटती ही चली हम सब गवाते रह गए।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)