दिल की बातें
जीवन की अपनी सीमाएं,
दिल की अपनी मजबूरी,
भाने लगा सदा ही वह,
जिससे बनानी थी दूरी।
मन की अपनी ख़्वाहिशें,
जीवन की अपनी आजमाइशें,
चाहतों को बयां नही कर सकते,
भावनाओं पर नियंत्रण की कोशिशें।
एहसासों का ये ताना बाना,
मन चाहे गाये प्रीत का गाना,
दिल्लगी बढ़ती ही जाये,
कौन समझे किसने माना।
प्रेम के ये खेल निराले,
खुशी के गीत कोई गा लें,
मन ही मन में रहें तड़पते ,
कैसे उसके दिल में जगह बना लें।
मेरे दिल की ये अनकही बातें,
मेरे मन में उसके लिए जजबातेँ
कोई तो कह दें उसको जाके,
मेरी ये अनजानी ख्यालातें।