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11 Jun 2023 · 1 min read

दिल की पोखर में

दिल की पोखर में यह
क्या ठहर गया है
एक नाले के रुके
गंदे कीचड़ के पानी सा
रास्ता भटक कर
कोई मुसाफिर यहां रुके तो
वह आसमान में
चमकता
रात्रि का चांद होना
चाहिए
जिन्दगी काली स्याह
रातों में भी
महकते फूलों का
गुलिस्तां होनी चाहिए
कांटों के जंगल का
शामियाना नहीं।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
283 Views
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