दिल की दास्तान
तमन्नाएं सिमटकर खोने लगे थे आपमें…
और आप थे कि कश्तीयां बहाते रहे..
तबसे संवारे अश्क ए मोती इसकदर..
बुनने लगे हैं हम भी गमे एहसास की चादर..
तमन्नाएं सिमटकर खोने लगे थे आपमें…
और आप थे कि कश्तीयां बहाते रहे..
तबसे संवारे अश्क ए मोती इसकदर..
बुनने लगे हैं हम भी गमे एहसास की चादर..