“दिल की उड़ान”
सपनों की चादर पर धर क़दमों को,
मन में भर कसक ली दिल की उड़ान।
छू ले आसमां भर सपनों में रंग,
मन ढूढ़े ख्वाबों को और हर पल अपनी ही जंग।
पाने की चाह है नई दुनिया,
खुशियों के संग हो एक नया आशियां।
अरमानों की सिफारिश को मन में धर कर,
मन में भर चाह ली दिल की उड़ान।
सपनों की चादर पर धर क़दमों को,
मन में भर कसक ली दिल की उड़ान।
अनजाने राहों पर ढूढने चली अपनी पहचान,
मंजिल मिले अरमानों की कोई दे दे मेरे सपनों में जान।
सब कहते हैं सपने सच्चे होते हैं,
सोचकर हम निकले घर से आख़िर कर भर ली दिल की उड़ान ।
सपनों की चादर पर धर क़दमों को,
मन में भर कसक ली दिल की उड़ान।
सपनों को अपने छूने के लिए,
पार किया घर का दायरा।
पलट कर देखा अपनों में थी मेरी जान ,
सबकी खुशियों को अपनाकर भर ली मैंने दिल की उड़ान।
सपनों की चादर पर धर क़दमों को,
मन में भर कसक ली दिल की उड़ान।