दिल की आवाज़
वही दिल है लेकिन जवानी नहीं वो
दिल धड़कता है लेकिन रवानी नहीं वो
उसकी यादें तो दिल में अभी भी है जिंदा
मै दीवाना हूं लेकिन दीवानी नहीं वो
मोहब्बत की भी उम्र होती है शायद
भला उसकी कैसे करू मै शिकायत
दिल के झरोखे में यादें हैं सिमटी
गुज़रा ज़माना कहानी नहीं वो
पल सिमटता ही जाता है हर एक मंज़र
कैसे रोकूँ मै दिल में उमड़ता समंदर
उसकी राहो में नज़रे अभी भी है ठहरी
ढूढ़ता हू निशाँ पर निशानी नहीं वो
उसकी यादों में खोया हुआ रात दिन
जी रहा हूँ मै तशवीर सी जिंदगी
आज भी है डगर पहले जैसे मगर
अब बहारो में शायद रवानी नहीं वो