दिल का हर अरमां।
दिल का हर अरमां तोड़कर तुम गए हो।
हमको तन्हा बड़ा छोड़कर तुम गए हो।।
फिरभी हम बड़ा अदब करते है तुम्हारा।
खुद को जो बेवफा बोलकर तुम गए हो।।
जिंदगी की हर खुशी बेरंग सी हो गई है।
गमों में इतना ज्यादा घोलकर तुम गए हो।।
तमाम उम्र काट दी हमने तसव्वुर में तुम्हारे।
जीते है हम जो किस्सा छोड़कर तुम गए हो।।
तुम फिर तोड़ोगे अपना वादा न आओगे।
हर बार ही झूठ ऐसा बोलकर तुम गए हो।।
तुमसे ये न थी उम्मीद यूं बदनाम करोगे।
मुहब्बत की हर बात खोलकर तुम गए हो।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ