– दिल का दर्द मेरे में किसको सुनाऊ –
– दिल का दर्द मेरे में किसको सुनाऊ –
हाल ये मेरे मन का ,
में जिसको बताऊ,
दिल का दर्द मेरे में किसको सुनाऊ,
कौन मेरा है अपना कौन है पराया,
में अपनो को यह कैसे जताऊ,
छोड़ गए थे जो मेरा जीवन बीच मझधार में,
उनको में स्वार्थी कैसे बतलाऊ,
अब तक थे जो अज्ञानी,
कल बने थे एक दिन के लिए महाज्ञानी (कालिदास),
उनको उनकी ज्ञान चातुर्यता कैसे समझाऊं,
लिखा गहलोत की नियति में उस सर्वव्यापी ईश्वर में,
भरत वो अपने मुख से उनको कैसे बतलाऊ,
हाल ये मेरे मन का में किसको सुनाऊ,
दिल का दर्द मेरे में किसको सुनाऊ,
भरत गहलोत
जालोर राजस्थान
संपर्क -7742016184