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1 Nov 2022 · 1 min read

दिल का दर्द बहुत भारी

**दिल का दर्द बहुत भारी**
**********************

दिल का दर्द है बहुत भारी,
मरते दम तक निभाएंगे यारी।

इश्किया हवा ने है भटकाया,
चली आओ तुम्हारी है बारी।

कैसा भी मौसम हो प्यार का,
कभी नहीं कर पाएंगे गद्दारी।

पग-पग पर गिरते आये हम,
रास न आई हमें प्रेम सवारी।

कैसे छोड दूं आँचल तुम्हारा,
तुम्हीं मंजिल ख्वाईश हमारी।

मनसीरत तुम बिना है अधूरा,
ले डूबी है ईश्क की महामारी।
**********************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
220 Views
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