Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 May 2021 · 1 min read

दिल का एहसास यह बरसात

धरती और आकाश के मिलने का आगाज है यह बरसात
यह सूखी धरती पेड़ पौधे बाहें फैलाए कर रहे जिसका इंतजार
कड़कती हुई बिजली ,गरजते हुए बादल
इन हवाओं का चलना संग बारिश का बरसना
जैसे हो रहा हो किसी के टूटे दिल का एहसास
यह बरसती बरसात जैसे कुछ कह रही है आज
के दिल के एहसास को छुपाऊं कैसे
जो यह बरसात है वह अंदर भी बाहर भी
इस दर्द की एहसास में जैसे वह खुद कोभिगो देती है
तो उस बरसात नेभी दे दिया उस टूटे दिल का भी साथ
जो संग रोने लगा उसके हुआ उसके दर्द का एहसास
उसकीआंखों केआंसू के संग बरसती रही वह बरसात
उस बरसात का साथ उसका सुकून बन गया
बरसात उस दिल का अहसास बन गया
यह बरसात धरती और आकाश के मिलने का आगाज बन गया!

** नीतू गुप्ता

5 Likes · 11 Comments · 419 Views

You may also like these posts

बुराई से दामन
बुराई से दामन
अरशद रसूल बदायूंनी
ज़ख्म पर ज़ख्म अनगिनत दे गया
ज़ख्म पर ज़ख्म अनगिनत दे गया
Ramji Tiwari
If I were the ocean,
If I were the ocean,
पूर्वार्थ
जहां की रीत
जहां की रीत
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
हाँ, यह सपना मैं
हाँ, यह सपना मैं
gurudeenverma198
" देखा है "
Dr. Kishan tandon kranti
पुरवाई
पुरवाई
Seema Garg
तू नर नहीं नारायण है
तू नर नहीं नारायण है
Dr. Upasana Pandey
💐   आवा  2025   💐
💐 आवा 2025 💐
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मेरी नींद
मेरी नींद
g goo
3247.*पूर्णिका*
3247.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आरजू ओ का कारवां गुजरा।
आरजू ओ का कारवां गुजरा।
Sahil Ahmad
मना लिया नव बर्ष, काम पर लग जाओ
मना लिया नव बर्ष, काम पर लग जाओ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
"अकेलापन की खुशी"
Pushpraj Anant
👍👍👍
👍👍👍
*प्रणय*
मदिरा
मदिरा
C S Santoshi
एक होस्टल कैंटीन में रोज़-रोज़
एक होस्टल कैंटीन में रोज़-रोज़
Rituraj shivem verma
रिश्ता
रिश्ता
Santosh Shrivastava
सत्ता को भूखे बच्चों की याद दिलाने आया हूं।।
सत्ता को भूखे बच्चों की याद दिलाने आया हूं।।
Abhishek Soni
सच जानते हैं फिर भी अनजान बनते हैं
सच जानते हैं फिर भी अनजान बनते हैं
Sonam Puneet Dubey
विषय:मैं आज़ाद हूँ।
विषय:मैं आज़ाद हूँ।
Priya princess panwar
हिंदी
हिंदी
Sudhir srivastava
संवेदना
संवेदना
Godambari Negi
वो  खफा है ना जाने किसी बात पर
वो खफा है ना जाने किसी बात पर
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ठूंठा पेड
ठूंठा पेड
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
सागौन बबूल भी तुम्ही रखना
सागौन बबूल भी तुम्ही रखना
sushil yadav
गुलों पर छा गई है फिर नई रंगत
गुलों पर छा गई है फिर नई रंगत "कश्यप"।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
*पाई जग में आयु है, सबने सौ-सौ वर्ष (कुंडलिया)*
*पाई जग में आयु है, सबने सौ-सौ वर्ष (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
777loc cam kết mang đến cho bạn một trải nghiệm cá cược an t
777loc cam kết mang đến cho bạn một trải nghiệm cá cược an t
777 loc
दर्द के सिक्के बनाकर खरीद लूंगा ख़ुशी इक दिन
दर्द के सिक्के बनाकर खरीद लूंगा ख़ुशी इक दिन
सिद्धार्थ गोरखपुरी
Loading...