दिल और दिमाग की जोड़ी
ए दिल ना चाह कर तू यूं किसी को
ना तू यूं मिटा कर
जहां तेरी चाह नहीं
वहां मत फिरा कर
दिल और दिमाग की जोड़ी बड़ी खूब है
सुन कभी अपने दोस्त की
उस पर हावी ना होया कर
यह दुनिया मोह माया है
क्यों अपना सब कुछ गवाया है
जब-जब तू टूटा है
साथ इसका पाया है
जहां तेरा मिल नहीं
वहां क्यों सब कुछ लुटाया है
सुन अपने दोस्त की
जिसने तुझे बनाया है
अभिमान की इस दुनिया में
क्यों इतना भरमाया है
ए दिल ना चाह कर तो यूं किसी को
ना तू यू मिटा कर
जहां तेरी चाह नहीं
वहां मत फिरा कर