Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Aug 2020 · 1 min read

गोकुल के ग्वाल बाल,

घनाक्षरी

गोकुल के ग्वाल बाल ,मंत्र मुग्ध नंद लाल ,
जसोदा का देख हाल ,मंद मुसकाते हैं।

मोर पँख वेणी वाम,एक कर बन्शी थाम।
पग कर थामे राम,पालना झुलाते हैं।

मैया वेणी साध कर ,कान्हा दोऊ हाथ धर।,
नंद बाबा माथ पर ,लेकर घुमाते हैं।

बंशी बाजे संग संग,शयन अनोखा ढंग,
सांवरा सलोना दंग, खेलते रिझाते हैं।

डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम

3 Likes · 2 Comments · 341 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
View all
You may also like:
💐प्रेम कौतुक-535💐
💐प्रेम कौतुक-535💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
अगर मेरे अस्तित्व को कविता का नाम दूँ,  तो इस कविता के भावार
अगर मेरे अस्तित्व को कविता का नाम दूँ, तो इस कविता के भावार
Sukoon
राम की आराधना
राम की आराधना
surenderpal vaidya
*** अंकुर और अंकुरित मन.....!!! ***
*** अंकुर और अंकुरित मन.....!!! ***
VEDANTA PATEL
मैं चाँद पर गया
मैं चाँद पर गया
Satish Srijan
"सच्ची जिन्दगी"
Dr. Kishan tandon kranti
जगतगुरु स्वामी रामानंदाचार्य जन्मोत्सव
जगतगुरु स्वामी रामानंदाचार्य जन्मोत्सव
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
लीकछोड़ ग़ज़ल / मुसाफ़िर बैठा
लीकछोड़ ग़ज़ल / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
आखिरी ख्वाहिश
आखिरी ख्वाहिश
Surinder blackpen
तेरे दरबार आया हूँ
तेरे दरबार आया हूँ
Basant Bhagawan Roy
कल चाँद की आँखों से तन्हा अश्क़ निकल रहा था
कल चाँद की आँखों से तन्हा अश्क़ निकल रहा था
'अशांत' शेखर
मन का जादू
मन का जादू
Otteri Selvakumar
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
■ आज का दोहा...
■ आज का दोहा...
*Author प्रणय प्रभात*
जीवन का सफर
जीवन का सफर
Sidhartha Mishra
सो रहा हूं
सो रहा हूं
Dr. Meenakshi Sharma
रंग लहू का सिर्फ़ लाल होता है - ये सिर्फ किस्से हैं
रंग लहू का सिर्फ़ लाल होता है - ये सिर्फ किस्से हैं
Atul "Krishn"
माँ-बाप का मोह, बच्चे का अंधेरा
माँ-बाप का मोह, बच्चे का अंधेरा
पूर्वार्थ
भगतसिंह
भगतसिंह
Shekhar Chandra Mitra
*सुवासित हैं दिशाऍं सब, सुखद आभास आया है(मुक्तक)*
*सुवासित हैं दिशाऍं सब, सुखद आभास आया है(मुक्तक)*
Ravi Prakash
पयसी
पयसी
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कुछ लोग
कुछ लोग
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
प्यास बुझाने का यही एक जरिया था
प्यास बुझाने का यही एक जरिया था
Anil Mishra Prahari
तुम्हारा एक दिन..…........एक सोच
तुम्हारा एक दिन..…........एक सोच
Neeraj Agarwal
छोड़कर जाने वाले क्या जाने,
छोड़कर जाने वाले क्या जाने,
शेखर सिंह
कोशी के वटवृक्ष
कोशी के वटवृक्ष
Shashi Dhar Kumar
फिर भी करना है संघर्ष !
फिर भी करना है संघर्ष !
जगदीश लववंशी
रंग भरी पिचकारियाँ,
रंग भरी पिचकारियाँ,
sushil sarna
..........अकेला ही.......
..........अकेला ही.......
Naushaba Suriya
Loading...