दिल्लगी
नज़र ना मिलाओ झुकाके यू नज़रे
तुम्हारी नज़र है बड़ी खूबसूरत
कहीं क़त्ल दिल का ना हो जाए मेरे
मुझे तुम बचाना ,मुझे तुम बचाना
बहके कदम है ओ जालिम तुम्हारे
है बातों का लहजा बड़ा आशिकाना
कहीं आशिकी तुमसे हम कर ना बैठे
है दिल ये दीवाना ,मेरा दिल दीवाना
ये होठों की नरमी ये सांसो की गर्मी
कहीं दिल हमारा ये घायल ना कर दे
कहीं हो ना जाऊ मैं तेरा दीवाना
है दिल आशिकाना,है दिल आशिकाना
किया है मोहब्बत तो उसको निभाना
कभी मुझसे तुम, ना बहाना बनाना
तुम्हारा ही दिल तो है मेरा ठिकाना
किया है मोहब्बत तो उसको निभाना
कभी आज़माना,कभी आज़माना