दिलों में आज भी अपने तिरंगा मुस्कुराता है
2122- 2122- 2122- 212
( 1 )
तू ही सोनी तू ही —–लैला तू ही मेरी हीर है
तू ही मेरे दिल की दुनिया तू मेरी तकदीर है
आरज़ू पहली तू ही और जुस्तजू भी आखिरी
जिसने बांधा है मुझे वो जुल्फ की जंजीर है
( 2 )????
दिलों में आज भी अपने तिरंगा मुस्कुराता है
भगत सुखराज वो बल्लभ वो गंगा मुस्कुराता है
—–??—-
वो टूटी झोपड़ी में सो सूखी रोटी ही खाकर
जो ‘जन गण मन’ कोसुनकर वोनंगा मुस्कुराता है
——-??—-
बड़े ही शान से कहता भारत आन है अपनी
फलक पे जिस तरह तारों में चंदा मुस्कुराता है
( 3 )
नहीं मिला है मुझे अब भी हमसफर मेरा
अभी तलाश — उसे कर रहा जिगर मेरा
??
क़दम हैं मां के जहां — है वहीं ये सर मेरा
उसी की आज दुआ — से चले है घर मेरा
??
बहुत हुई थी —- मसर्रत दिया जलाया तो
मुझे ख़बर भी न थी जल रहा था घर मेरा