दिलों की राहों से गुजरते हुए
दिलों की राहों से गुजरते हुए।
हम उनके और करीब आ गए।
हारी हुई बाज़ी अपनी ओर सरकते हुए।
जाने कब हम जीत को पा गए।
उनके दीदार को तरसते हुए।
खुद वह हमसे मिलने आ गए।
देख अपनी जमीन को खिसकते हुए।
दूसरों के दर को अपना बना गए।