दिली मुबारकबाद रोजे और रमजान की
दिल्ली मुबारक बाद हो वंदे, रोजे और रमजान की
आओ मिलकर करें दुआ, दुनिया के इंसान की
बड़ा मुकद्दस पाक महीना, आया है रमजान का
फर्ज है रोजे और इबादत, बंदे हर इंसान का
बरस रही खुदा की रहमत, शुकराना इंसान का
फर्ज अदा कर कर्ज चुकाना, जीवन और जंहान का
सुख सुख शांति प्रेम अमन, पैगाम ए रसूले पाक है
आओ सब मिल दुआ करें, बेहतर जीवन और प्यार का
जाति धर्म मजहब पर न हो, कत्ल किसी इंसान का
सुख शांति प्रेम अमन हो, जीवन में इंसान की
दिली मुबारक बाद हो बंदे, रोजे और रमजान की
दिली मुरादें पूरी हों, खुशियां हर इंसान की
सब बंदों की खैर मांगता, खुदा से सकल जंहान की
मालिक से है दुआ यही, रोजे और रमजान की
दिली मुबारकबाद हो बंदे, रोजे और रमजान की
आओ मिलकर करें दुआ, दुनिया के इंसान की